सौ बार मरना चाहा उनकी निगाहों में डूब के वो हर बार निगाहें झुका लेते हैं, मरने भी नहीं देते है
तुझसे हारूं तो जीत जाता हूँ, तेरी खुशियाँ अज़ीज हैं इतनी।
अपने रुख पर निगाह करने दो खूबसूरत गुनाह करने दो, रुख से पर्दा हटाओ ऐ जाने-हया आज दिल को तबाह करने दो।
सांस लेने से सांस देने तक जितने लम्हे हैं, सब तुम्हारे है
اور تو دل کونہیں ہے کوئی تکلیف عدم ہاں ذرا نبض کسی وقت ٹھہر جاتی ہے
आप इक ज़हमत-ए-नज़र तो करें कौन बेहोश हो नहीं सकता
آنکھوں سےتری زلف کا سایہ نہیں جاتا آرام جو دیکھا ہے بھلایا نہیں جاتا
तू बदलता है तो बे-साख़्ता मेरी आँखें अपने हाथों की लकीरों से उलझ जाती हैं
मुहब्बत में इंतज़ार की घड़ियाँ भी खूब होती है सीने की जगह आँखों से धड़कता है दिल
دیکھ کر دلکشی ز ما نے کی آرزو ہے فریب کھا نے کی
आँखों से तेरी ज़ुल्फ़ का साया नहीं जाता आराम जो देखा है भुलाया नहीं जाता
देख कर दिल-कशी ज़माने की आरज़ू है फ़रेब खाने की
سمندر بہا دینے کا جگر تورکھتے ہیں لیکن ہمیں عاشقی کی نمائش کی عادت نہیں ہے دوست