फ़क़त निगाह से होता है फ़ैसला दिल का न हो निगाह में शोख़ी तो दिल बरी क्या है
ज़मीं पर आओ फिर देखो हमारी अहमियत क्या है, बुलंदी से कभी ज़र्रों का अंदाज़ा नहीं होता।
फर्क बहुत है तुम्हारी और हमारी तालीम में, तुमने उस्तादों से सीखा है और हमने हालातों से।
बस इतना ही कहा था कि बरसों के प्यासे हैं हम, उसने होठों पे होंठ रख के खामोश कर दिया।
खुदा करे वो मोहब्बत जो तेरे नाम से है, हजार साल गुजरने पे भी जवान ही रहे।
नजाकत ले के आँखों में, वो उनका देखना तौबा, या खुदा हम उन्हें देखें कि उनका देखना देखें।
छेड़ आती हैं कभी लब तो कभी रूखसारों को, तुमने ज़ुल्फ़ों को बहुत सर पर चढा रखा है।
बदलना आता नहीं हमें मौसम की तरह, हर इक रुत में तेरा इंतज़ार करते हैं, ना तुम समझ सकोगे जिसे क़यामत तक, कसम तुम्हारी तुम्हें इतना प्यार करते हैं।
रोज वो ख़्वाब में आते हैं गले मिलने को, मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है किस्मत मेरी।
मौत के बाद याद आ रहा है कोई, मिट्टी मेरे कब्र से उठा रहा है कोई, ऐ खुदा दो पल की जिंदगी और दे दे, मेरे कब्र से उदास जा रहा है कोई
ये दुनिया वाले भी बड़े अजीब होते है कभी दूर तो कभी करीब होते है दर्द ना बताओ तो हमे कायर कहते है और दर्द बताओ तो हमे शायर कहते है
अपनी किस्मत में सभी कुछ था मगर फूल न थे, तुम अगर फूल न होते तो हमारे होते।
आपकी दुनिया के बेरंग अंधेरों के लिये, रात भर जाग कर एक चांद चुराया मैंने, रंग धुंधले है तो इनका भी सबब मै ही हूँ, एक तस्वीर को इतना क्यूं सजाया मैंने....!
तेरा दीदार करने को जी चाहता है, खुद को मिटाने का जी चाहता है, पिला दो मुझे मस्ती के प्याले, मस्ती में आने को मेरा जी चाहता है