कितनी मुश्किलों से फलक पे आता है, ईद के चाँद ने भी अंदाज़ तुम्हारे सीखे
तेरी ख्वाहिश बस तेरी उम्मीद करता है कोई, देख कर तुझको मेरी जान, ईद करता है कोई
ईद का दिन है गले आज तो मिल ले ज़ालिम, रस्मे दुनिया भी है, मौका भी है, दस्तूर भी है